महात्मा गांधी
महात्मा गांधी, जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख और प्रभावशाली नेता थे। उन्हें “राष्ट्रपिता” (Father of the Nation) के नाम से भी जाना जाता है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य:
- जन्म: 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर, गुजरात
- मृत्यु: 30 जनवरी 1948, नई दिल्ली (नाथूराम गोडसे द्वारा हत्या)
- प्रमुख विचारधारा: अहिंसा (Non-violence) और सत्याग्रह (Truth-force)
- प्रभाव: गांधीजी के विचारों का असर न सिर्फ भारत में बल्कि दुनियाभर में हुआ — मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे नेताओं ने उनसे प्रेरणा ली।
प्रमुख आंदोलनों:
- चंपारण सत्याग्रह (1917) – किसानों की समस्या को उठाने वाला पहला आंदोलन।
- खिलाफत आंदोलन (1919-1924) – हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए समर्थन।
- असहयोग आंदोलन (1920) – ब्रिटिश शासन का बहिष्कार।
- दांडी यात्रा / नमक सत्याग्रह (1930) – नमक कानून के विरोध में 240 मील की पदयात्रा।
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942) – “अंग्रेज़ों भारत छोड़ो” का नारा।
व्यक्तिगत जीवन:
- गांधीजी ने इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की और दक्षिण अफ्रीका में अपने करियर की शुरुआत की।
- वहीं उन्होंने रंगभेद का अनुभव किया और मानवाधिकारों के लिए पहली बार आंदोलन शुरू किया।
महात्मा गांधी के प्रमुख आंदोलन
1. चंपारण सत्याग्रह (1917):
बिहार में नील की खेती करने वाले किसानों पर अत्याचार हो रहा था। गांधीजी ने पहली बार सत्याग्रह का प्रयोग भारत में किया।
2. असहयोग आंदोलन (1920):
ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांति पूर्वक सहयोग समाप्त करने का आह्वान। विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार और खादी का प्रचार।
3. नमक सत्याग्रह / दांडी यात्रा (1930):
गांधीजी ने 240 मील की यात्रा कर दांडी में समुद्र से नमक बनाया। यह ब्रिटिश नमक कर के खिलाफ आंदोलन था।
4. भारत छोड़ो आंदोलन (1942):
“अंग्रेजों भारत छोड़ो” का नारा दिया गया। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता का निर्णायक चरण था।
🧘♂️ गांधीजी के सिद्धांत
🔹 सत्य (Truth):
गांधीजी का मानना था कि सत्य ही ईश्वर है।
🔹 अहिंसा (Non-violence):
उन्होंने हमेशा हिंसा का विरोध किया और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की प्रेरणा दी।
🔹 स्वदेशी और खादी:
गांधीजी ने भारतीयों को विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कर खादी अपनाने के लिए प्रेरित किया।
🔹 सादा जीवन उच्च विचार:
उन्होंने सादगीपूर्ण जीवन जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया।
📚 महात्मा गांधी की आत्मकथा
“सत्य के साथ मेरे प्रयोग” (The Story of My Experiments with Truth)
यह आत्मकथा उनके जीवन के अनुभवों, संघर्षों और विचारों को बहुत ही सरल और सच्चे ढंग से प्रस्तुत करती है।
🕊️ मृत्यु
गांधीजी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा की गई थी, जो उनकी अहिंसा की नीति से असहमत था। उनकी अंतिम शब्द थे: “हे राम!“
🌍 महात्मा गांधी की विरासत
उन्हें दुनियाभर में शांति और मानवता का प्रतीक माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र ने उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर को “अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की है
